देहरादून:
पुलिस अधिकारी के गनर सहित 10 संदिग्ध हिरासत में
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में तैनात एक एसपी रैंक के अधिकारी के गनर सहित दो और नैनीताल से आठ व्यक्तियों को पूछताछ के लिए देहरादून लाई है। गनर के पास से एसटीएफ ने 36 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। हालांकि, गनर के आय के स्रोत का पता किया जा रहा है। इसके अलावा संदिग्ध व्यक्तियों की प्रकरण में किस तरह से संलिप्तता थी, एसटीएफ इसका भी पता लगा रही है। बताया जा रहा है कि गनर की पत्नी ने परीक्षा दी थी, जिसमें वह पास हो गई थी। एसटीएफ ने पूर्व में गिरफ्तार आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से यूकेएसएसएससी में तैनात कंप्यूटर प्रोग्रामर जयजीत सिंह से रिमांड के दौरान उसके पंडितवाड़ी स्थित फ्लैट से एक मोबाइल और 10 लाख रुपये बरामद किए हैं।
श्वेत पत्र जारी करना चाहिये:
    राज्य आन्दोलनकारी भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र जुगरान ने कहा है की उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को मुन्ना भाइयों के पकड़े जाने के बाद,इतने बड़े स्तर पर भर्ती में धांधली उजागर होने के बाद, भर्ती परीक्षाओं में इतने लोगों के पकड़े जाने के बाद श्वेत पत्र जारी करना चाहिये।
श्री जुगरान ने कहा है की चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष/ सचिव समेत सभी सदस्यों को मीडिया के माध्यम से इस खेद जनक स्थिति पर अपना मत, वक्तव्य व विचार उत्तराखंड की जनता के सम्मुख रखना चाहिये विशेष कर भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उत्तराखंड के नौजवानों के समक्ष।
    धांधली के लिये जिम्मेदार बड़े मगरमच्छों का पकड़ा जाना अतिआवश्यक
उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष/ सचिव समेत सभी सदस्यों एवं जिम्मेदार अधिकारियों को स्वयं आगे आ कर अपनी अपनी सम्पत्ति की जांच की मांग भी करनी चाहिये। रविन्द्र जुगरान ने कहा कि वर्तमान और भविष्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में उत्तराखंड के अभ्यर्थियों का विश्वास बना रहे इसके लिये आयोग को उत्तराखंड की जनता को विश्वास दिलाना चाहिये। रविन्द्र जुगरान ने कहा की भर्ती प्रक्रिया में उजागर हुई अनियमितता व धांधली से नौजवानों का उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की कार्यप्रणाली से विश्वास कम हुआ है जिसको पुनः कायम करने की जरूरत है।रविन्द्र जुगरान ने कहा की भर्ती परीक्षा में उजागर हुई धांधली में छोटी मछलियों के साथ जब तक बड़े मगरमच्छ पकड़ में नहीं आते तब तक वर्तमान और भविष्य में भी सुधार संभव नहीं होगा।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बने रहे इसके लिये धांधली के लिये जिम्मेदार बड़े मगरमच्छों का पकड़ा जाना अतिआवश्यक है।