यूं तो हम जी रहे 21वीं सदी में मगर आज है भी बच्चों के ऊपर मार्क्स लाने का है तगड़ा प्रेशर 

काबिलियत को तोला जाता है मार्क्स के साथ

परीक्षा में कम नंबर आने पर आखिर क्यों मारे जाते हैं ताने

बच्चों के अंदर एक्ज़ाम में अच्छा परफॉर्म करने का एक प्रेशर किस हद तक है और यह एक जिम्मेदारी है उनके नाजुक कंधों पर। कभी कभी बच्चे इस जिम्मेदारी के बोझ तले इस कदर दबकर रह जाते हैं कि जिंदगी खत्म कर देते हैं।

जरा सोचिए खेलने कूदने की उम्र में बच्चे कर रहे हैं आत्महत्या

नैनीताल जिले के मल्लीताल में भी कुछ ऐसा ही हुआ। मल्लीताल क्षेत्र में यूनिट टेस्ट में महज एक प्रश्न छूटने से परेशान नौवीं की छात्रा ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि महज एक प्रश्न के छूटने की वजह से सब मौत को गले लगा लिया।

छात्रा के परिजनों ने उसे फंदे से लटका देखा जिसके बाद वे आनन-फान में छात्रा को लेकर बीडी पांडे अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। आपको बता दें कि छात्रा के इस कदम से पूरे परिवार समेत स्कूल तक में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।