पूनम चौधरी

जब मां ने नीलकंठ धाम में जलाभिषेक करने की इच्छा जताई तो बेटी खुशी को मां की आज्ञा का किया पालन।

80km की दूरी साइकिल तय कर बेटी खुशी और मां पहुंचे नीलकंठ धाम

एक बार आप भी जरूर पढ़िए खुशी और उसकी मां का नीलकंठ का यह सुनहरा सफर 

कांवड़ यात्रा के बीच रविवार को धाम में जलाभिषेक करने के बाद वापस लौट रही खुशी और उसकी मां सुषमा देवी साइकिल पर दिखाई दिए। जब साइकिल रुकवाकर उनसे पूछा गया तो रुड़की निवासी सुषमा देवी ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि वह नीलकंठ धाम में जलाभिषेक के लिए जाएगी। दरअसल उनकी 14 वर्षीय बेटी खुशी ने उनकी इच्छा कोजब मां ने नीलकंठ धाम में जलाभिषेक करने की इच्छा जताई तो खुशी को मां की आज्ञा का पालन न करना नागवार गुजरा। फिर क्या था, खुशी ने साइकिल खड़ी की और उस पर अपनी मां को पीछे बैठाकर करीब 80 किमी दूर नीलकंठ धाम आ पहुंची।

बेटी खुशी अपनी मां की इच्छा को पूरा करने के लिए उन्हें साइकिल पर बैठाकर नीलकंठ धाम आ पहुंची। वह दोनों 22 जुलाई को घर से नीलकंठ धाम के लिए निकले थे। 23 जुलाई शाम लक्ष्मणझूला पहुंचे। 24 जुलाई को सुबह नीलकंठ में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद अब वापस रुड़की की ओर रवाना हो रहे हैं। जब उनकी मां से पूछा गया उन्हें कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा, उनकी बेटी भी उनके लिए किसी श्रवण कुमार से कम नहीं है।

वहीं आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा को महज दो दिन का समय शेष रह गया है। 26 जुलाई को यात्रा का अंतिम दिन है। जैसे-जैसे जलाभिषेक के दिन कम हो रहे है, वैसे ही नीलकंठ धाम में शिव भक्तों का सैलाब बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को नीलकंठ मंदिर में तीन लाख श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

बैराज मोटर मार्ग पर बाघ खाला और दोबाटा के पास दोपहिया वाहनों का जमावड़ा रहा। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस जवानों के पसीने छूट गए। मंदिर के पुजारी शिवानंद गिरी ने बताया कि रविवार रात एक बजे से नीलकंठ धाम में कांवड़ियो का जलाभिषेक शुरू हो गया था, जो देर रात तक चला। इस दौरान करीब तीन लाख शिव भक्तों ने नीलकंठ धाम में जलाभिषेक किया।