पिथौरागढ़।

पिथौरागढ़ केडी एम आशीष चौहान अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहते हैं और जनता के बीच जनहित के कार्यों को लेकर रात को भी चौपाल लगाकर जन समस्याएं सुनते हैं इससे पहले आशीष चौहान डीएम उत्तरकाशी थी और अब पिथौरागढ़ में भी आशीष चौहान अपने कामों को लेकर बेहतर कार्य कर रहे हैं

पिथौरागढ़ के डीएम आशीष चौहान ने सीमांत जिले के सेरी कुम्डार गांव में लगी रात्रि चौपाल में ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। ये पहला मौका था जब जिले में किसी डीएम ने रात्रि चौपाल का आयोजन कराया था। जिलाधिकारी के साथ गांव पहुंची अधिकारियों की टीम के सामने ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखी। रात्रि में ही जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की शिकायतों पर स्थलीय निरीक्षण किया। मौके पर ही कई समस्याएं सुलझाई गईं। इन दिनों खेती का सीजन है। ऐसे में ग्रामीण व्यस्त हैं। उनकी दिक्कत को देखते हुए डीएम डॉ. आशीष चौहान रात के वक्त रात्रि चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से खुद जनता के बीच पहुंचे। इस मौके पर द्यूरी तोक के ग्रामीणों ने पेयजल संबंधी समस्या डीएम के सामने रखी।

जिस पर जिलाधिकारी ने स्टेटस रिपोर्ट तलब करते हुए तीन माह के भीतर पेयजल समस्या समाधान के निर्देश दिए। रात्रि चौपाल में नगंथर की महिला ममता देवी भी अपनी परेशानी लेकर पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला। तब डीएम ने खुद महिला के घर जाकर स्थिति देखी और खंड विकास अधिकारी को महिला के आवास की समस्या हल करने के निर्देश दिए। नाघर कुम्डार गांव की रहने वाली विधवा सुनीता भट्ट पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल पाने की शिकायत लेकर आई थीं, जिस वजह से उन्हें विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा था।

डीएम ने सुनीता भट्ट की समस्या सुनी और खंड विकास अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी को समस्या दूर करने के निर्देश दिए। इसी तरह संचार समस्या, खेल मैदान न होने और पशु स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी डीएम के सामने रखी गईं। जिस पर डीएम ने समाधान के लिए विभाग अधिकारियों को रोस्टर बनाकर कार्रवाई करने को कहा। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गांव में स्ट्रीट लाइट नहीं है। तब डीएम ने डेढ़ लाख की लागत से स्ट्रीट लाइट स्वयं लगाने के साथ ही पांच लाइटें ग्राम पंचायत कोष से लगाए जाने का भरोसा ग्रामीणों को दिया। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी देते हुए इनका लाभ उठाने को कहा। डीएम को अपने बीच पाकर ग्रामीण गदगद थे।