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देहरादून।उत्तराखंड लघु सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता बृजेश कुमार तिवारी ने बताया कि साल 2014 में हल्द्वानी के ईसाई नगर में एक सिंचाई गूल 16.49 लाख की लागत से स्वीकृत हुई थी, जिस पर कार्य तो पूर्ण किया गया, लेकिन उसके बाद शिकायत सामने आई कि योजना के तहत निर्माण उसके चयनित स्थान से करीब 500 मीटर की दूरी पर किया गया है.

विभागीय जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी गई. ऐसे में शासन ने इस मामले में बड़ी लापरवाही को मानते हुए योजना से संबंधित सहायक और जूनियर इंजीनियर को मामले में दोषी पाया। तिवारी ने बताया कि इस योजना में करीब 8 लाख का भुगतान किया गया था।

हालांकि यह कहना गलत होगा कि योजना के तहत निर्माण नहीं हुआ. लेकिन योजना अपने चयनित स्थान से 500 मीटर दूरी पर बनाई गई थी. जिसमें संबंधित विभागीय अधिकारियों की गलती मानी गई है. इसलिए अब योजना से जुड़े सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता से भुगतान हुए 8 लाख की धनराशि के रिकवरी के आदेश शासन की ओर से किए गए हैं. ऐसे में इस जांच में एक सवाल यह उठता है कि योजना के अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

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