साइबर ठगों ने निकाला ठगी का नया तरीका होटलों की फर्जी वेबसाइट बनाकर कर रहे हैं ठगी

 

असली व नकली वेबसाइट में फर्क पहचाने

 

➡️ अधिकतर फर्जी E-mail वेबसाइट में शब्दों की स्पेलिंग गलत लिखी होती है, इसलिए पहले ध्यान से वेबसाइट की स्पेलिंग को देखें और जानकारी क्रॉस चेक करें। किसी भी अनजाने/संदिग्ध Link पर Click न करें।

➡️ साइबर ठग मशहूर कंपनी के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट तैयार कर लोगों को Link भेजते है इसलिए जब कभी भी संदेह हो तो वेबसाइट के डोमेन नेम को जरूर जांच लें। इसके अलावा Internet पर Search के माध्यम से मिलान करें।

➡️ आजकल ठग असली वेबसाइट से मिलता-जुलता U.R.L फर्जी साइट में उपयोग करते है, ऐसे में अगर साइट का U.R.L ‘https’ से शुरू होता है तो यह असली वेबसाइट है, जबकि फर्जी और असुरक्षित साइट ‘http’ से शुरू होती है। इस प्रक्रिया में साइट का U.R.L और हाइपरलिंक पॉपअप के रूप में दिख जाएगा और आपको वेबसाइट पहचानने में मदद मिलेगी।

➡️ यदि आपको किसी भी साइट पर कोई भी जानकारी (Contact no, E-mail आदि) मौजूद ना मिले तो समझ जाए की वेबसाइट फर्जी हो सकती है इसके अलावा आप इंटरनेट पर transparencyreport.google.com सर्च कर किसी भी साइट के सुरक्षित करने के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकतें है । साथ ही संदिग्ध वेबसाइट में नीचे स्क्रॉल कर कॉपीराइट संबंधी जानकारी अवश्य देखें औऱ साइटो पर बुकिंग के दौरान पब्लिक रिव्यू को ध्यान से पढें । वही जो साइट ओरिजिनल होती है उनके U.R.L के आगे लॉक का निशान आवश्य चैक करें।

➡️ अपने गूगल अकांउट को सुरक्षित करने के लिए 2-STEP VERIFICATON मोड को लागू करें।

➡️साइबर सम्बन्धित अपराधो से बचने के लिए सतर्क औऱ सुरक्षित रहे ।

Uttarakhand News

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