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केंद्र ने कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के माध्यम से टिशू कल्चर पौधों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के क्रम में बायोटेक्नोलॉजी विभाग से मान्यता प्राप्त भारत भर की टिशू कल्चर लैबोरेटरीज के साथ मिलकर “वनस्पति, जीवित पौधों, कट फ्लॉवर्स जैसे टिशू कल्चर पौधों और रोपण सामग्री का निर्यात संवर्धन” पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

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भारत से टिशू कल्चर पौधों का आयात कर रहे शीर्ष 10 देशों में नीदरलैंड, यूएसए,इटली, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, केन्या सेनेगल, इथियोपिया और नेपाल शामिल हैं। 2020-21 में, भारत से 1.717 करोड़ डॉलर के टिशू कल्चर पौधों का निर्यात हुआ था, जिसमें अकेले नीदरलैंड की लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

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एपीडा के अधिकारियों ने प्रतिभागियों को इन देशों में टिशू कल्चर पौधों के लिए ताजा मांग के रुझानों के बारे में बताया और बताया कि कैसे शीर्ष निर्यात संवर्धन संस्था भारतीय निर्यातकों/ टिशू कल्चर लैबोरेटरीज को इन बाजारों तक पहुंच बनाने में सहायता कर सकती है। यह इन लैबोरेटरीज के साथ पहला संवाद कार्यक्रम था, इसलिए एपीडा ने अपने कामकाज, अधिकार क्षेत्र और दक्षता, पौधों की गुणवत्ता में सुधार के लिए निर्यात केंद्रित प्लांट टिशू कल्चर लैबोरेटरीज दी जारही

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अन्य वित्तीय सहायता के बारे में बताया। साथ ही बताया कि वे कैसे पौधे आयातक देशों के पौध स्वच्छता मानदंडों को पूरा कर सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी क्षमता को बढ़ा सकते हैं। भारत में टिशू कल्चर पौधों की रेंज बढ़ाने के क्रम में, एपीडा ने निर्यातकों से विशेष पौधों/फसलों के लिए जर्मप्लाज्म की एक सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है, जिन्हें उत्पादक देशों से आयात किया जा सकता है।