Super Power In Energy
भारत आज से क्लीन एनर्जी मिनिस्टेरियल (सीईएम) वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। इसका समापन 8 अप्रैल को होगा। इस बैठक का आयोजन स्वच्छ ऊर्जा नीतियों में विभिन्न कार्य धाराओं के कार्यों की समीक्षा के लिए किया जा रहा है। बैठक के दौरान सितंबर 2022 में होने वाली आगामी क्लीन एनर्जी मिनिस्टेरियल बैठक के लिए एजेंडा भी तैयार किया जाएगा।
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आज आयोजित उद्घाटन सत्र में केंद्री विद्युत मंत्रालय में अपर सचिव द्वारा स्वागत और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव द्वारा मुख्य वक्तव्य दिए जाने के साथ ही ‘ट्रांजिशन एजेंडा’ पर विचार-विमर्श किया गया। उसके बाद क्लीन पावर, ग्रीन स्टील और हाइड्रोजन जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
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भारत और ब्रिटेन सरकार ने ऊर्जा संक्रमण के भविष्य पर समग्र वार्ता का नेतृत्व किया। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी, इंटरनेशनल रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी और यूएन हाई लेवल एक्शन चैंपियंस ने स्टेट ऑफ सेक्टोरल ट्रांजिशन (एसओएसटी) मसौदा रिपोर्ट के निष्कर्षों को प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने चयनित कार्यप्रणाली और उनके कार्य के समग्र परिप्रेक्ष्य का सारांश प्रस्तुत किया।
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दूसरा सत्र ‘स्केलिंग-अप क्लीन एनर्जी इनोवेशन एंड एक्शन – इनवेस्टमेंट अपरचुनिटीज’ यानी स्वच्छ ऊर्जा नवाचार को बढावा एवं निवेश के अवसर को समर्पित था। इसकी शुरुआत सत्र के अध्यक्ष एवं नीति आयोग में अतिरिक्त सचिव के उद्घाटन संबोधन के साथ हुई। इस सत्र के मुख्य वक्ताओं में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक, विद्युत मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, वित्त मंत्रालय में सलाहकार, इन्वेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, आईआरईडीए के अध्यक्ष, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शामिल थे।
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चर्चा में एडीबी, केएफडब्ल्यू, डब्ल्यूबी, रिलायंस, अदाणी ग्रीन, डालमिया सीमेंट, टाटा क्लीनटेक, हीरो फ्यूचर और शेल एनर्जी जैसे उद्योग प्रतिनिधियों की प्रमुख बातें शामिल थीं। उसके बाद एक ओपन हाउस परिचर्चा आयोजित की गई। इस सत्र का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा नवाचार एवं तैनाती के लिए निवेश संभावनाओं की पहचान करना था।