Haridwar जिले में सिंचाई विभाग की योजनाओं में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। बता दें कि मामला गंगा को निर्मल बनाने को लेकर कार्य होने को था। लेकिन विभाग के इंजीनियरों ने योजनाओं में गोलमाल कर सरकारी पैसों की बंदरबांट की है।
इस मामले में 11 इंजीनियरों पर आरोप तय हुआ है। सिंचाई विभाग में घोटाले और घपलें परत दर परत प्याज के छिलके की तरह खुल रहे है। लेकिन शासन द्वारा इसपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
शंखनाद इंडिया की टीम के पड़ताल में पाया गया है कि इन इंजीनियरों का मजबूत गठजोड़ हरिद्वार और देहरादून में है। सिंचाई विभाग की जांच में दो अधीक्षण अभियंता और तीन अधिशाषी अधिशासी अभियंता समेत 11 अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किया गया है, इसमें एक अवकाश प्राप्त अधिशासी अभियंता भी शामिल है।
Haridwar : नहर का निर्माण किया गया था
बता दें कि अधीक्षण अभियंता एमसी जोशी, आर के तिवारी, अधिशासी अभियंता पुरषोत्तम, अधिशासी अभियंता डीके सिंह, सुंदर लाल कुडियाल (सेवानिवृत्त) सहायक अभियंता अरुण कुमार नेगी, वीके सोनी, पीएस बिष्ट निर्देश कुमार सिंह और अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल को आरोप पत्र दाखिल गया है।
सिंचाई सचिव एससी सेमवाल ने इसकी पुष्टि की है। योजनाओं की लागत 58 करोड़ 60 लाख 55 हजार गई है। गंगा की निर्मलता को बनाए रखने के लिए शोध को गंगा में बहाने के माध्यम से सिंचाई के उपयोग में लाने हेतु 23 करोड 65 लाख 39 हजार खर्च कर सितंबर 2020 में नहर का निर्माण कराया गया।
आरोप है कि बिना किसी सरकारी मानक का पालन किए बिना इसे बनाया गया था, यह नहर सरकार का पानी में बह गया था। आरोप है कि इस बात को छिपा कर सितंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसे ऑनलाइन करा दिया गया था। जांच में आरोप सही पाए गए है कि इस नहर का निर्माण किया गया था।
Haridwar : सुभाषगढ सिंचाई नहर निर्माण योजना में भी गोलमाल
इसी तरह 6 करोड़ 90 लाख 98 हजार सुभाषगढ सिंचाई नहर निर्माण योजना में भी गोलमाल हुआ है। योजना को पूरा किए बिना ही निर्धारित बजट खर्च कर दिया गया। इसमें 4500 मीटर और 9 किलोमीटर की गुल की निर्माण होना था। मौके पर अब तक केवल 1400 मीटर नहर का निर्माण हुआ है।
इसी तरह कबूलपुर राय घाटी, रामपुर राय घाटी में तटबंध निर्माण को लेकर अलग-अलग एक करोड़, 15 लाख 95 हजार की 2 योजनाओं पर मार्च 2018 में काम शुरू किया था। बता दें कि इसे उसी वर्ष दिसंबर में पूरा होना था। लेकिन कबूलपुर घाटी में अब तक मात्र 60% हुआ है, जबकि रामपुर राय घाटी में काम शुरू ही नहीं हुआ।
Haridwar : आरोप पत्र दाखिल
विभागीय इंजीनियरों के द्वारा सरकारी धन को ठिकाने लगाने का कार्य किया गया है। शासन द्वारा 11 इंजीनियरों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गये हैं। मुख्य अभियंता का कहना है इन सभी इंजीनियरों को आरोप पत्र दिए गए हैं। सभी को आरोप पत्र का जबाब देना है। शासन इस पर कार्रवाई जरूर करेगा।
सिंचाई सचिव एचसी सेमवाल का कहना है अभी आरोप पत्र दाखिल किया गया है। जबाब आने का समय रहता है। अभी इसमें जांच अधिकारी नामित किया जाएगा, जांच होने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों को सजा दी जाएगी।
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