सहायक कोषाधिकारी ने चार पर केस दर्ज करवाया

नई टिहरी। जिला कोषागार में दो करोड़ 21 लाख रुपये के गबन का खुलासा हुआ है। यह गड़बड़ी सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी ने 25 दिसंबर से गायब चल रहे कोषागार के दो कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों के बैंक खाते सील कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी मृतक पेेंशनरों की पेंशन अपने खाते में ट्रांसफर कर रहे थे।

जिला कोषागार के दो लेखाकारों के गायब होने के बाद जो आशंका जताई जा रही थी, वह सच साबित हुई है। कर्मचारियों के लापता होने के बाद शुरू की गई जांच में अभी तक दो करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये की गड़बड़ी पकड़ में आई है। बताया जा रहा है कि यह घपला लंबे समय से चल रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब नैनीताल कोषागार में गड़बड़ी सामने आने पर पेंशन एवं हकदारी निदेशालय ने टिहरी कोषागार को भी जांच कराने के निर्देश दिए।

टिहरी जिला कोषागार में जांच आने पर पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर को अचानक गायब हो गए। उनका पता नहीं चले पर परिजनों ने उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इसके बाद सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने दोनों कर्मचारियों पर दो करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का गबन का आरोप लगाते हुए 29 दिसंबर की शाम पुलिस को तहरीर दी। एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। नामजद चारों लोगों के खाते सील कर दिए गए हैं। गायब कर्मचारियों की एक कार ऋषिकेश में बरामद कर ली गई है। कार में कोषागार की 103 फाइलें भी मिली हैं।
दो लोगों के खाते में भेजे 52 लाख रुपये
जांच में कैशियर जयप्रकाश शाह के बैंक खाते में एक करोड़ 35 लाख 46 हजार रुपये और कैशियर यशपाल सिंह नेगी के खाते में 33 लाख तीन हजार रुपये पाए गए हैं। पता चला है कि आरोपियों ने पेंशन का पैसा हड़प कर सुरेंद्र सिंह पंवार पता अज्ञात के बैंक खाते में 10 लाख 77 हजार रुपये और मनोज कुमार पता अज्ञात 42 लाख रुपये अलग-अलग समय पर जमा कराए। पुलिस इन दोनों की तलाश में भी जुटी हुई है। बताया गया कि गायब चल रहे दोनों लेखाकारों ने अंतिम बार ऋषिकेेेेश में एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले थे। उसके बाद से दोनों के मोबाइल फोन बंद चल रहे हैं। पुलिस ने बताया कि यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रही थी। आरोपी मृतक पेंशनरों की पेंशन की धनराशि अपने खातों में ट्रांसफर कर रहे थे।