बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष कह रहे ऑल इज वेल

देहरादून। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत कल रात इस्तीफे की धमकी देकर बैठक छोड़ आए। हरक सिंह के पास वन एवं पर्यावरण, श्रम एवं आयुष मंत्रालय है। हरक सिंह के करीबी कह रहे हैं कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया तो वहीं बीजेपी कह रही है कि ऑल इज वेल। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि ऑल इज वेल। हरक के इस दांव से भाजपा में दिल्ली से लेकर देहरादून तक खलबली मची हुई है। पूरी भाजपा उन्हें मनाने में जुट गई है। कांग्रेस से बीजेपी में गए नेता और हाईकमान किसी भी कीमत में इस डैमेज कंट्रोल को रोकना चाहता है। पिछले दो दिनों से आक्रामक हो रखी भाजपा को हरक सिंह ने बैकफुट पर धकेल दिया है।

 

प्रदेश मंत्रिमडंल की बैठक के दौरान कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव लटकाए जाने पर विवाद गहराया। हरक सिंह रावत इस कदर नाराज हुए कि बैठक बीच में छोड़कर चले गए। इसके बाद भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के इस्तीफे की भी चर्चाएं गरमा उठी।

कोटद्वार में मेडिकल कालेज का प्रस्ताव न आने से नाराज

बताया जा रहा है कि शुक्रवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आने से हरक सिंह रावत का पारा चढ़ गया। मेडिकल कॉलेज को लेकर वह अपनी नाराजगी पिछली कैबिनेट बैठक में भी जता चुके हैं। तब उन्हें आश्वस्त किया गया था कि आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। शुक्रवार को कैबिनेट में प्रस्ताव लाए जाने पर उनकी स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह के साथ तीखी झड़प हो गई। झड़प के दौरान जब वह बाहर उठकर आ रहे थे तो कृषि मंत्री सुबोध उनियाल और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह रूके नहीं। हरक की गैरमौजूदगी में कैबिनेट ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव पास कर उन्हें शांत करने का प्रयास किया। अभी तक हरक सिंह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।