शंखनाद.INDIAनैनीताल : हाई कोर्ट ने कहा कि पेंशन व्यक्तिगत संपत्ति है। सरकार इससे किसी तरह की जबरन कटौती नहीं कर सकती। स्वास्थ्य बीमा के नाम पर पेंशन से हर माह कटौती किए जाने के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति  एनएस धानिक की खंडपीठ में देहरादून निवासी गणपत सिंह बिष्टï की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने 21 दिसंबर 2020 को स्वास्थ्य बीमा के नाम पर एक शासनादेश जारी किया। साथ ही बिना उनकी अनुमति के पेंशन से अनिवार्य कटौती एक जनवरी 2021 से शुरू कर दी है। सरकार इस तरह की कटौती नहीं कर सकती। यह असंवैधानिक है। पूर्व में यह व्यवस्था थी कि कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा खर्च सरकार खुद वहन करती थी। कोर्ट ने पूर्व में सरकार से इस पर विचार करने को कहा था। उसके बाद भी कटौती जारी रही। बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस योजना में यह प्रविधान भी है कि इसका लाभ कोई कर्मचारी ले या ना ले उसे बाध्य नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया।

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