शंखनाद.INDIA देहरादून। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर आज फैसला हो सकता है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल में इसे बनाया गया। तीरथ सिंह रावत ने इसे भंग करने का वादा तो किया था, लेकिन उससे पहले बीजेपी हाईकमान ने उनकी छुट्‌टी कर दी। सीएम धामी इस मामले में देखो और इंतजार करो की नीति अपनाए हुए थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से बीजेपी का इस मामले में विरोध हुआ। उससे उन पर भी इस मामले में जल्द फैसला लेने का दबाव बन गया है। उधर,कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है। महाराज ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दी। मंगलवार को मुख्यमंत्री रिपोर्ट पर निर्णय ले सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि उप समिति ने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने की सिफारिश की है। फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के संबंध में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। पिछले दिनों कमेटी ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया। उपसमिति में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और स्वामी यतीश्वरानंद को सदस्य बनाया। उपसमिति ने भी अब अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। मंगलवार को रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री का निर्णय आने की संभावना है। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार रिपोर्ट के आधार पर देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग कर सकती है। हालांकि इस संबंध में कमेटी का कोई सदस्य पत्ते नहीं खोल रहा है।

सब अच्छा होगा: यतीश्वरानंद
मंत्रिमंडलीय उपसमिति के सदस्य स्वामी यतीश्वरानंद से जब देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इतना ही कहा कि सब अच्छा होगा। इससे ज्यादा उन्होंने भी कोई संकेत नहीं दिए।

 

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