शंखनाद. INDIA देहरादून।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व दो पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत को कुर्सी से चलता कर बेरोजगार तो कर ही दिया, लेकिन इस फैसले से दर्जनों दायित्वधारी भी बेरोजगार हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन्हें अभी तक पुर्ननियुक्ति नहीं दी है। ये दायित्वधारी अब पुर्न नियुक्ति और विधायक के टिकट के लिए खूब जोर लगा रहे हैं।

 

2017 में सत्ता संभालने के बाद करीब डेढ़ साल बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा के कार्यकर्ताओं का शासन में दायित्व दिए। दायित्व बांटने का काम उनके हटने तक चलता रहा। उनके हटने के बाद मुख्यमंत्री बनें तीरथ सिंह रावत ने सभी दायित्वधारियों को एक झटके से हटा दिया।

उनके कार्यकाल में चर्चा रही कि सभी दायित्वधारियों को नए सिरे से नियुक्ति किया जाएगा। मगर, ऐसा नहीं हुआ। तीरथ के बाद मुख्यमंत्री बनें पुष्कर सिंह धामी ने तो दायित्वधारियों की पुर्ननियुक्ति को जिक्र ही नहीं किया।

इस तरह से दायित्वधारी पुर्ननियुक्ति का इंतजार करते रहे। मगर, सरकार में उनके दायित्व बहाल नहीं हो सकें। दायित्वधारी रहे कई भाजपा के नेता अब टिकट के दावेदार हैं। सिटिंग विधायकों के टिकट कटने की चर्चा के बीच कई दायित्वधारियों ने विधायकी के टिकट के प्रयास तेज कर दिए हैं।

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