शंखनाद.INDIA देहरादून। दीपावली पर हुई आतिशबाजी के चार दिन बाद भी राजधानी दून समेत अन्य शहरों की आबोहवा अभी भी जहरीली बनी हुई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक घंटाघर के आसपास का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर रविवार को 201 पाया गया। प्रदूषण का यह स्तर दमा रोगियों के साथ ही बुजुर्गों और बच्चों के लिए कतई ठीक नहीं है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को देहरादून के घंटाघर के आसपास एक्यूआई का आंकड़ा 201 था। इसके अलावा ऋषिकेश में 151, हरिद्वार में 164, काशीपुर में 147, हल्द्वानी में 125 और रुद्रपुर में एक्यूआई 124 दर्ज किया गया। शून्य से लेकर 50 तक का एयर क्वालिटी इंडेक्स सेहत के लिए ठीक माना जाता है। जबकि 51 से लेकर 100 तक का एक्यूआई स्तर खराब, 101 से लेकर 200 तक बहुत खराब, 201 से लेकर 301 तक खतरनाक माना जाता है।
बता दें, दीपावली के दिन हुई जमकर आतिशबाजी के बाद राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स का आंकड़ा 348 पर पहुंच गया था। हरिद्वार में 321, काशीपुर में 267 हल्द्वानी में 251 और रुद्रपुर में 263 दर्ज किया गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि का कहना है कि देहरादून शहर घाटी में स्थित होने की वजह से यहां के प्रदूषण स्तर के सुधरने में थोड़ा वक्त लगता है। मैदानी क्षेत्रों में स्थितियां तेजी से सामान्य हो जाती है। लेकिन अगर यही हाल रहा तो जल्द ही दून और दिल्ली का प्रदूषण अंतर मिट जाएगा।
कुछ दिनों घर के भीतर रहें दमा रोगी
राजकीय दून अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोलॉजिस्ट डॉ. अंकित अग्रवाल के मुताबिक दीपावली पर हुई आतिशबाजी के बाद जिस तरीके से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है उसे देखते हुए दमा रोगियों को फिलहाल अगले कुछ दिनों तक बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए।