शंखनाद INDIA / नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट (VAT) को लेकर राजनीति चरम है. एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार वसूलती है और वैट का पैसा राज्यों के खातों में जाता है.पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) और वैट (VAT) को लेकर राजनीति चरम पर है. एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार वसूलती है और वैट का पैसा राज्यों के खातों में जाता है. जब आप पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) पर पूरे टैक्स स्ट्रक्चर को समझेंगे, तो समझ पाएंगे कि असली राजनीति वहीं छुपी है. आइए पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स क्रोनोलॉजी को समझते हैं. दरअसल, दिवाली से ठीक एक दिन पहले अचानक केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई. उसके बाद बीजेपी शासित 10 राज्य, बीजेपी के साथ गठबंधन वाले 6 राज्य, और गैर बीजेपी शासित इकलौते ओडिशा ने पेट्रोल डीजल पर अपने हिस्से से 2 रुपये से लेकर 12 रुपये तक वैट में कटौती का ऐलान कर दिया.

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