शंखनाद_INDIA/ हल्द्वानी: आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर गए आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत 23 अक्टूबर की रात को अचानक शहर के अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंच गए। चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत कुमाऊं भ्रमण के बाद शाम पांच बजे हेलीकाप्टर से सर्किट हाउस गौलापार पहुंचे थे। उन्होंने ‘बीमार’ डा. सुशीला तिवारी अस्पताल का निरीक्षण किया। खुद को सिर दर्द का मरीज बताते हुए पर्ची बनाई। करीब एक घंटे अस्पताल में बिताया, और वहां की व्यवस्थाएं देखीं। इसके साथ ही वह करीब 18 मिनट बेस अस्पताल में भी रहे, लेकिन इसकी जानकारी लोगों को तीन दिन बाद लगी।
रात में 9:30 बजे वह लाव-लश्कर छोड़ ट्रेक सूट पहन डा. सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंच गए। इमरजेंसी के बाहर काउंटर से पांच रुपये की पर्ची काटी। इस बीच वह करीब 20 मिनट आम मरीज बनकर बेंच में बैठे रहे। इसके बाद इमरजेंसी में डाक्टर को दिखाया और सिर दर्द व बुखार की शिकायत बताई। फिर वह करीब 40 मिनट तक वार्डों में घूमते रहे।
मास्क लगाए हुए कैबिनेट मंत्री को अस्पताल में कोई नहीं पहचान पाया। धन सिंह रावत को अस्पताल प्रशासन के लोग भी नहीं पहचान पाए। अस्पताल से वह गुपचुप तरीके से वहां से निकल गए और बेस अस्पताल पहुंच गए।
इस अस्पताल में भी उन्होंने करीब 18 मिनट बिताए। इमरजेंसी से लेकर अन्य वार्डों का भी भ्रमण किया। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि अस्पताल में क्या कमियां मिली है। मंत्री का कहना था कि जो भी कमियां हैं। उन्हें ठीक किया जाएगा।