शंखनाद INDIA/रुड़की: सिविल अस्पताल रुड़की में फर्जी डिग्री के आधार पर युवक छह माह तक मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करता रहा। कोरोना काल में भी फर्जी चिकित्सक कोविड वार्ड में ड्यूटी करता था। हालांकि ड्यूटी के प्रति वह काफी गंभीर था और समय पर ड्यूटी पर पहुंचता था।

सिविल अस्पताल रुड़की में पांच अप्रैल को युवक अनिल कुमार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन के चलते किसी को संदेह भी नहीं हुआ। चिकित्सकों की कमी के चलते अनिल कुमार को नौकरी हासिल करने में ज्यादा दिक्कत भी नहीं आई।

सिविल अस्पताल रुड़की में वह बतौर चिकित्सा अधिकारी तैनात हुआ। अनिल कुमार की अधिकांश ड्यूटी इमरजेंसी में रहती थी। कोरोना काल में जिस समय सिविल अस्पताल को कोविड अस्पताल बना दिया गया था, उस दौरान अनिल कुमार की ड्यूटी कोविड वार्ड में रही।

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