शंखनाद_INDIA/नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज अपना 93वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर नागपुर में संघ द्वारा रूट मार्च का आयोजन किया गया। संघ प्रमुख मोहन भागवन की मौजूदगी में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। नोबोल पुरस्कार से सम्मानित और सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी भी संघ के वार्षिक विजयदशमी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मंच पर वे संघ प्रमुख के बगल में बैठे नजर आए। इस अवसर पर अपने वार्षिक भाषण में संघ प्रमुख ने अर्बन नक्सली से लेकर पाकिस्तान और चीन को भी निशाने पर लिया।

संघ प्रमुख ने कहा कि वर्ष 1951 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अंतर के कारण देश की जनसंख्या में जहां भारत में उत्पन्न मत पंथों के अनुयायियों का अनुपात 88% से घटकर 83.8% रह गया है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 9.8% से बढ़कर 14.24% हो गया है।

जनसंख्या के असंतुलन पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति होनी चाहिए। हमें लगता है कि इस बारे में एक बार फिर विचार करना चाहिए। अभी भारत युवाओं का देश है। 30 साल के बाद ये सब बूढ़े बनेंगे, तब इन्हें खिलाने के लिए भी हाथ लगेंगे। और उसके लिए काम करने वाले कितने लगेंगे, इन दोनों बातों पर विचार करना होगा। अगर हम इतना बढ़ेंगे तो पर्यावरण कितना झेल पाएगा। 50 साल आगे तक विचार करके रणनीति बनानी चाहिए। जैसे जनसंख्या एक समस्या बन सकती है, वैसे ही जनसंख्या का असंतुलन भी समस्या बनती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर भारत को विश्वगुरु बनाने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत अगर पंचामृत के मंत्र पर आगे बढ़ेगा तो एक बार फिर विश्वगुरू बन सकता है। वहीं, बाबर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक भयानक आंधी बाबर के रूप में आई और उसने हमारे देश के हिंदू-मुसलमानों को नहीं बख्शा। बाबर नाम की इस बर्बर आंधी ने हमारे समाज पर अत्याचार किया।