पूनम चौधरी

देहरादून: स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के मास्टर माइंड यूकेएसएससी के मुख्यालय में ही निकले हैं। परीक्षा संबंधित गोपनीय काम करने वाली एजेंसी का डाटा एंट्री ऑपरेटर और पूर्व में हटाए गए पीआरडी कर्मचारी ने 80 प्रश्न लीक कर, चुनिंदा आवेदकों उपलब्ध कराए थे। इसके अलावा आयोग के दो और कर्मचारियों पर संदेह जताया जा रहा है। भर्ती घोटाले में कहीं न कहीं आयोग खुद भी जिम्मेदार है।एसटीएफ की टीम ने इस मामले में जयजीत दास और मनोज जोशी को पेपरआउट कांड के सूत्रधार के रूप में पेश किया है। एसटीएफ के मुताबिक जयजीत दास परीक्षा में गोपनीय काम करने वाली कंपनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूशन इंडिया का कम्प्यूटर प्रोग्रामर है, जो 2015 से ही आयोग में कार्यरत था।

वहीं आपको बता दें दूसरी तरफ अल्मोड़ा निवासी मनोज जोशी पूर्व में आयोग में पीआरडी के जरिए चतुर्थ श्रेणी में लगा हुआ था, हालांकि 2018 में उसकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए उसे आयोग से हटा दिया गया था। मनोज ने ही जयजीत के जरिए पेपर आउट कर, कोचिंग इंस्टीटयूट संचालकों तक पहुंचाया।

आरोपी ने जुर्म स्वीकार

जयजीत ने भी स्वीकार किया कि उसने पेपर प्रिंट होने के समय, लीक किया था। सूत्रों के अनुसार आयोग में आउटसोर्स पर तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की पत्नी भी इस परीक्षा में पास हुई है। किसी को संदेह न हो इसके लिए वैरिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान उक्त महिला एक और आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारी के साथ आयोग पहुंची थी। उक्त कर्मचारी भी अब संदेह के घेरे में है।

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