प्रदेश में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पार्किंग का नया रोडमैप तैयार किया गया है. इस नए रोडमैप के तहत प्रदेश में 10,000 से ज्यादा वाहनों की नई पार्किंग बनाई जाएगी. इस रोड़मैप की डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे पर्यटकों की संख्या और पार्किंग को लेकर उनकी समस्याओं को लेकर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने नई पार्किंग बनाने के निर्देश दिए थे. बता दें कि सरकार ने पार्किंग प्रोजेक्टों को दो हिस्सों में बांटा है, जिसमें श्रेणी-ए के प्रोजेक्ट प्राथमिकता पर होंगे तो श्रेणी-बी प्रोजेक्ट दूसरी प्राथमिकता में रखे गए हैं. इसके लिए सभी जिलों से प्रस्ताव मांगे गए थे.
चार कार्यदायी संस्था शामिल
इसी आधार पर प्रदेश में 158 नई पार्किंग का रोडमैप तैयार किया गया है, जिनमें 10,000 से ज्यादा वाहन पार्क हो सकेंगे. इनमें 50 भू-तल पार्किंग, 88 मल्टी लेवल कार पार्किंग, नौ ऑटोमेटेड और 12 टनल पार्किंग शामिल हैं. पार्किंग की डीपीआर तैयार की जा रही है. इनके निर्माण के लिए चार कार्यदायी संस्थाएं हैं.
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इस रोड़मैप में 108 पार्किंग ऐसी चिह्नित की गई हैं, जो कि पहली प्राथमिकता में तैयार की जाएंगी और इसके बाद श्रेणी-बी में 50 पार्किंग को तैयार किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन इनकी हर 15 दिन पर समीक्षा कर रहे हैं.
कहां होगी कितनी पार्किंग
जिला श्रेणी-ए श्रेणी-बी
अल्मोड़ा 17 05
बागेश्वर 06 02
चमोली 11 05
चंपावत 06 01
देहरादून 03 01
हरिद्वार 05 00
नैनीताल 06 06
पौड़ी 10 07
पिथौरागढ़ 10 06
रुद्रप्रयाग 04 04
टिहरी 18 07
उत्तरकाशी 10 06
ऊधमसिंह नगर 02 00
निजी निवेशकों को भी मिलेगा मौका
जानकारी के लिए बता दें कि पार्किंग के निर्माण के लिए पार्किंग नीति शासन में है, जो कैबिनेट से पास होगी. नीति में प्राइवेट बिल्डरों को भी पार्किंग बनाने का मौका दिया जाएगा.