शंखनाद_INDIA/शिमला: हिमाचल के किन्नौर जिले के पर्यटन स्थल छितकुल की यात्रा पर निकले हर्षिल से लम्खागा पास होते पर्यटक दल अभी तक छितकुल नहीं पहुंचा है। वहीं पर्यटक दल से कोई संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। जबकि ट्रैकिंग संचालकों ने राज्य सरकार से हेली रेस्क्यू की मदद मांगी है। राज्य आपदा मोचन बल हेली रेस्क्यू के लिए पहुंच रहा है।

दल के लापता होने का कारण बर्फबारी भी हो सकती है। बंगाल व अन्य स्थानों के आठ पर्यटकों का दल 11 अक्टूबर को हर्षिल से रवाना हुआ। इस दल के साथ तीन कुकिंग स्टाफ और छह पोर्टर शामिल हैं। लेकिन, पोर्टर पर्यटक का सामान छोड़कर 18 अक्टूबर को छितकुल पहुंचे। वहां भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस ने पोर्टरों को पकड़ा। इसकी सूचना उत्तरकाशी के ट्रैकिंग संचालक को दी। 19 अक्टूबर को पर्यटक और कुकिंग स्टाफ को छितकुल पहुंचना था।

लेकिन, बुधवार की सुबह तक पर्यटक दल और कुकिंग स्टाफ का कोई पता नहीं चला। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जानकारी देते हुए बताया कि किन्नौर प्रशासन द्वारा गुरुवार सुबह ITBP का एक दल लापता लोगों की तलाश के लिए रवाना होगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा इनके साथ जो पोर्टर थे, उनका पता लगा दिया है तथा जिन्हें सांगला पुलिस स्टेशन लाया जा रहा है।

वही बता की लापता 11 पर्यटकों को ढूढने के लिए सेना और एसडीआरएफ मौके पर पहुंची। एक ट्रेकर मिथुन को लेकर एसडीआरएफ आपदा प्रभावित क्षेत्र की ओर रवाना हुई। वहीं राहत-बचाव टीम को पांच लोगों के शव दिखे हैं। शवों को निकाला जा रहा है। वहीं अन्य लापता लोगों की खोज जारी।

लापता लोगों की पहचान दिल्ली की अनीता रावत (38), पश्चिम बंगाल के मिथुन दारी (31), तन्मय तिवारी (30), विकास मकल (33), सौरभ घोष (34), सावियन दास (28), रिचर्ड मंडल (30), सुकेन मांझी (43) के रूप में हुई है। खाना पकाने वाले कर्मचारियों की पहचान देवेंद्र (37), ज्ञानचंद्र (33) और उपेंद्र (32) के रूप में हुई है। ये तीनों उत्तरकाशी के पुरोला के रहने वाले हैं।

 

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें