कुरुक्षेत्र, हरियाणा में आयोजित 9वें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने भाग लिया। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने गीता की इस पावन धरती पर आकर दिव्यता, भव्यता और पूर्णता की अनुभूति होने की बात कही। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित इस महोत्सव की सराहना की और कहा कि गीता धार्मिक, नैतिक और जीवन दर्शन का अद्भुत ग्रंथ है, जो विश्व की बड़ी समस्याओं का समाधान प्रदान करता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गीता को विश्व की धरोहर बताने का उल्लेख किया और कहा कि गीता के मार्गदर्शन से समग्र विकास का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। राज्यपाल ने गीता के संदेश “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” को उद्धृत करते हुए कहा कि हमें निःस्वार्थ भाव से कर्म करना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।
राज्यपाल ने गीता को मानवता के लिए जीवन-संहिता और आध्यात्मिक दीप-स्तंभ बताते हुए कहा कि यह विपरीत परिस्थितियों में उत्साहवर्धन और निराशा में आशा का संचार करती है। गीता का ज्ञान हमें सही राह दिखाने और जीवन को सार्थक बनाने का मार्गदर्शन देता है।
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